NOT KNOWN FACTUAL STATEMENTS ABOUT SHIV CHALISA LYRICS ENGLISH

Not known Factual Statements About shiv chalisa lyrics english

Not known Factual Statements About shiv chalisa lyrics english

Blog Article

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

कहे अयोध्या आस तुम्हारी । जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

अर्थ: हे नीलकंठ आपकी पूजा करके ही भगवान श्री रामचंद्र लंका को जीत कर उसे विभीषण को सौंपने में कामयाब हुए। इतना ही नहीं जब श्री राम मां शक्ति की पूजा कर रहे थे और सेवा में कमल अर्पण कर रहे थे, तो आपके ईशारे पर ही देवी ने उनकी परीक्षा लेते हुए एक कमल को छुपा लिया। अपनी पूजा को पूरा करने के लिए राजीवनयन भगवान राम ने, कमल की जगह अपनी आंख से पूजा संपन्न करने की ठानी, तब आप प्रसन्न हुए और उन्हें इच्छित वर प्रदान किया।

और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥

अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।

कार्तिक श्याम और click here गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

अर्थ- हे भोलेनाथ आपको नमन है। जिसका ब्रह्मा आदि देवता भी भेद न जान सके, हे शिव आपकी जय हो। जो भी इस पाठ को मन लगाकर करेगा, शिव शम्भु उनकी रक्षा करेंगें, आपकी कृपा उन पर बरसेगी।

Report this page